वशीकरण - मंत्र
वशीकरण का तात्पर्य है --किसी व्यक्ति अथवा प्राणी को अपने वश में करना । जिन मन्त्रों के प्रयोग प्राणी मात्र को वश में किया जाता हो ,वे सभी वशीकरण मंत्र कहलाते है । इन मंत्रो का मित्र एवं शत्रु दोनों पर किया है। वशीकरण मंत्रो का प्रयोग ज्यादातर किसी स्त्री या पुरुष को अपने वश में करने के लिए किया जाता है । इसके अतिरिक्त वेश्या ,राजा ,राज-कर्मचारी आदि को अपने वश में करने के लिए किया जाता है । वशीकरण की स्वामिनी सरस्वती देवी है । इसका प्रयोग बसंत ऋतू में प्रातः समय कुछ घंटे उत्तर दिशा की और बैठकर होता है । वशीकरण प्रयोग करने वाले साधक को हमेशा मीठी ,मधुर व विनम्र वाणी बोलनी चाहिए।
पति वशीकरण मंत्र
'ॐ नमो महायक्षिणी ममपति वश्य मानय कुरु-कुरु स्वाहा । '
प्रयोग-विधि ---
इस मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए । बृहस्पतिवार को कदली का रस ,सिंदूर तथा मछली का पित्त मिलाकर अभिमंत्रित कर मस्तक पर लगाने से कैसा भी निष्ठुर पति हो ,आपके वश में हो जाएगा ।
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें -
वशीकरण गुरु
ईमेल : sunilpanthofficial@gmail.com
फ़ोन नंबर : +91-8950617556
वशीकरण का तात्पर्य है --किसी व्यक्ति अथवा प्राणी को अपने वश में करना । जिन मन्त्रों के प्रयोग प्राणी मात्र को वश में किया जाता हो ,वे सभी वशीकरण मंत्र कहलाते है । इन मंत्रो का मित्र एवं शत्रु दोनों पर किया है। वशीकरण मंत्रो का प्रयोग ज्यादातर किसी स्त्री या पुरुष को अपने वश में करने के लिए किया जाता है । इसके अतिरिक्त वेश्या ,राजा ,राज-कर्मचारी आदि को अपने वश में करने के लिए किया जाता है । वशीकरण की स्वामिनी सरस्वती देवी है । इसका प्रयोग बसंत ऋतू में प्रातः समय कुछ घंटे उत्तर दिशा की और बैठकर होता है । वशीकरण प्रयोग करने वाले साधक को हमेशा मीठी ,मधुर व विनम्र वाणी बोलनी चाहिए।
पति वशीकरण मंत्र
'ॐ नमो महायक्षिणी ममपति वश्य मानय कुरु-कुरु स्वाहा । '
प्रयोग-विधि ---
इस मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए । बृहस्पतिवार को कदली का रस ,सिंदूर तथा मछली का पित्त मिलाकर अभिमंत्रित कर मस्तक पर लगाने से कैसा भी निष्ठुर पति हो ,आपके वश में हो जाएगा ।
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वशीकरण गुरु
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